December 15, 2025

Nimisha Priya Execution News: निमिषा प्रिया की मौत की सजा टली, रंग लाई मां और भारत सरकार की मुहिम

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Nimisha Priya Execution News: यमन की जेल में कैद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा फिलहाल टल गई है. भारत सरकार और नागरिक संगठन लंबे समय से निमिषा को बचाने के लिए प्रयासरत हैं. नई तारीख की घोषणा नहीं हुई …और पढ़ें

Nimisha Priya Execution: निमिषा प्रिया की मौत की सजा टली, रंग लाई मां की मुहिम

निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल टल गई है.

Nimisha Priya Execution News: यमन की जेल में कैद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा फिलहाल टल गई है. मंगलवार को मौत की सजा टलने की खबर अचानक आई. निमिषा को 16 जुलाई बुधवार को सजा दी जानी थी, लेकिन उनके वकील ने पुष्टि की कि यमनी अधिकारियों ने आखिरी समय में इस फैसले को स्थगित कर दिया है. यह खबर भारत में राहत की लहर लेकर आई है, जहां सरकार और नागरिक संगठन लंबे समय से निमिषा को बचाने के लिए प्रयासरत हैं. सूत्रों के मुताबिक मामले के बेहद संवेदनशील होने के बावजूद, भारतीय अधिकारी लगातार स्थानीय जेल प्रशासन और अभियोजन कार्यालय के संपर्क में हैं, जिससे इस सजा को टालना संभव हो पाया.

हालांकि नई तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है, जिससे अनिश्चितता बनी हुई है. निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली हैं. उनको 2017 में अपने व्यवसायिक साझेदार तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यमनी अदालत का कहना है कि निमिषा ने तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसकी हत्या की और शव को टुकड़ों में काटकर पानी के टैंक में फेंक दिया. निमिषा ने यह दावा किया कि तलाल ने उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया था और उसका पासपोर्ट छीन लिया था, जिसके चलते उसने आत्मरक्षा में यह कदम उठाया.

2020 में सुनाई थी मौत की सजा

2020 में स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने बरकरार रखा था. फांसी टलने की खबर के बाद निमिषा के पति टॉमी थॉमस और मां प्रेमा कुमारी ने राहत की सांस ली है. प्रेमा कुमारी पिछले साल अप्रैल से सना में हैं और तलाल के परिवार से माफी मांगने की कोशिश कर रही थीं. ब्लड मनी (दियाह) के रूप में 10 लाख डॉलर की पेशकश की गई थी, लेकिन परिवार ने इसे स्वीकार नहीं किया था. भारत सरकार ने भी कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप किया और सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र से हर संभव कदम उठाने को कहा था.

अटॉर्नी जनरल ने बताया कि यमन के हूती नियंत्रित क्षेत्रों में सीमित पहुंच के कारण बातचीत मुश्किल थी. फांसी टलने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और तलाल परिवार से बातचीत की संभावना ने इस फैसले को प्रभावित किया. यह घटना भारत के लिए राहत भरी है, लेकिन नई तारीख की घोषणा तक निमिषा के परिवार और समर्थकों की चिंता बनी रहेगी. सरकार और कार्रवाई परिषद अब इस मौके का इस्तेमाल तलाल के परिवार से माफी के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए कर सकते हैं.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें

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