How does Tabar Sanstha stop child labour, how many children have been connected to the mainstream of society so far, how many people have been punished, Jaipur News in Hindi

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How does Tabar Sanstha stop child labour, how many children have been connected to the mainstream of society so far, how many people have been punished - Jaipur News in Hindi








सत्येंद्र शुक्ला


VANDEGANGA

जयपुर । बाल श्रम को रोकने के लिए यूं तो देश में कानून बना हुआ है, फिर भी बाल श्रम कराने की खबरें आती रहती है । आगामी 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाने वाला है, लेकिन इस दिवस से पहले खास खबर डॉट कॉम के जरिये एक टाबर संस्था जो गैर सरकारी एनजीओ है, उसकी उपलब्धि समाज के सामने रखी जा रही है । यह एक ऐसी संस्था है , जो वर्ष 2006 से कार्य कर रही है । वहीं संस्था के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक मई 2025 तक टाबर बाल बसेरा ओपन शेल्टर होम के जरिये कुल 8000 से ज्यादा बच्चों को वापस परिवारों से मिलाया गया है और समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है ।

संस्था के मुताबिक इनमें ऐसे बच्चे शामिल थे, जो गुमशुदा थे, या अपने घरों से भागे हुए थे । इसके बाद यह बच्चे सड़कों पर जीवन यापन कर रहे थे । यह बच्चे भीख मांगते थे या बाल श्रम में लगे हुए । लेकिन संस्था ने इन सभी बच्चों को उनके परिवारों से सफलता पूर्वक मिलाया और समाज की मुख्य धारा में जोड़ा । अभी भी 50 बच्चे बाल बसेरा ओपन शेल्टर होम में रह रहे है ।
संस्था सचिव रमेश पालीवाल के मुताबिक जो फैक्ट्री मालिकों या जिन लोगों पर बाल श्रम कराने का आरोप लगा था, उनमें से अब तक 26 से ज्यादा मालिकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है । इन बालको के बयानों के आधार पर ही इनके मालिकों को आजीवन कारावास की सजा हुयी है इस तरह कोर्ट ने भी बाल श्रम नहीं कराने का संदेश दिया है ।

टाबर बाल बसेरा ओपन शेल्टर का कार्य

यह शेल्टर होम उन सभी बच्चों को विशेष सुविधाएँ और सेवाएं प्रदान करता है जो विभिन्न कठिन परिस्थितियों से यहां पहुंचे हैं। संस्था के मुताबिक बच्चों के समग्र विकास के लिए अनेक सेवाएं उपलब्ध कराई गईं, जिनमें नवीनतम शैक्षिक तकनीक, अभिनव शिक्षण विधियां और थिएटर, नृत्य, नाटक व संगीत जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल थीं।

संस्था के मुताबिक बच्चों की सकारात्मक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मनोरंजन, कौशल विकास, आर्ट एंड क्राफ्ट प्रशिक्षण और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम भी आयोजित किए गए है। इसके अलावा, उन्हें समग्र मानसिक-सामाजिक सहयोग, पौष्टिक भोजन, और आवश्यक चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया गया है

वहीं बच्चों के परिवारों का पता लगाने और परिवारों से पुनः जोड़ने के लिए ट्रैकिंग एवं ट्रेसिंग प्रणाली भी अपनाई। परिवार परामर्श सेवाएं और फॉलो-अप प्रक्रियाएं भी हमारे कार्य का अहम हिस्सा रहीं।

बच्चों के मनोरंजन और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक ओपन-एयर जिम तथा मनोरंजन उपकरणों से युक्त पार्क भी विकसित किया गया। बच्चों ने न केवल सुरक्षित वातावरण में समय बिताया बल्कि उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों में लाभ प्राप्त किया।


आखिर कैसे टाबर संस्था बाल श्रमिकों की सहायता करती है ।

1. परामर्श

2. थाना मेडिकल

3. SDM बयान

4. श्रम बयान

5. 164 के बयान

6. आधार कार्ड बनवाना

7. बैंक खाता खुलवाना

8. मुआवजे हेतु दस्तावेज श्रम विभाग और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करवाना।

वहीं बाल श्रम से मुक्त बालकों को पुर्नवास के लिए गृह राज्य की सरकार को सुपुर्द किया जाता है ।

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