December 18, 2025

Baaghi 4 Movie Review: एक्शन और इमोशन के साथ ‘बाघी 4’ में मिलेगा सस्पेंस का कॉम्बो

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साजिद नाडियाडवाला इस फिल्म के निर्माता ही नहीं, बल्कि लेखक भी हैं. इस बार उन्होंने ‘बागी’ के चौथे भाग को बेहद अलग अंदाज में लिखा है. अब तक हम इस फ्रेंचाइजी को सिर्फ एक एक्शन फिल्म के तौर पर जानते थे, लेकिन ‘बागी 4’ में सिर्फ एक्शन ही नहीं, इमोशन और सस्पेंस भी है, जो फिल्म को दमदार बनाते हैं. इस बार टाइगर श्रॉफ भी बेहद अलग अवतार में नजर आए हैं. इस बार उन्होंने एक्शन से ज्यादा अपनी एक्टिंग पर ध्यान दिया है और यही वजह है कि इस बार उन्हें स्क्रीन पर देखना आपको थोड़ा अलग अनुभव देगा. वहीं, संजय दत्त ने तो फिल्म में जान फूंक दी है.

चलिए, सबसे पहले आपको ‘बागी 4’ की कहानी के बारे में बताते हैं. फिल्म की कहानी रॉनी (टाइगर श्रॉफ) पर आधारित है, जो एक एक डिफेंस सी फोर्स ऑफिसर. वह एक बड़े ट्रेन हादसे में अपनी जान गंवाने से तो बच जाता है, लेकिन उस हादसे से बचना उसके लिए एक सजा बन जाता है. उसे जिंदगी वापस तो मिल जाती है, लेकिन वो खालीपन से भरी होती है. दरअसल, इस हादसे में वो अपनी गर्लफ्रेंड अलीशा (हरनाज संधू) को खो देता है और उसकी मौत के बाद रॉनी उस दर्द से बाहर नहीं आ पाता और इसी वजह से वो अपना मानसिक संतुलन खोने लगता है. रॉनी खुद को सच और झूठ के बीच बनी दीवार में फंसा हुआ पाता है और यहीं से फिल्म में सस्पेंस शुरू होता है.

दरअसल, रॉनी की जिंदगी जिस गर्लफ्रेंड की मौत से उलझी हुई है, वहीं उसका परिवार और भाई जीतू (श्रेयस तलपड़े) ये मानने को तैयार ही नहीं कि अलीशा नाम की कोई लड़की थी, जो रॉनी की गर्लफ्रेंड थी. अब रॉनी को लगने लगता है क्या वह पागल हो चुका है? फिर वह सबूत जुटाने में लग जाता है, लेकिन सच क्या है ये आपको सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. फिल्म में संजय दत्त की भूमिका बहुत अहम है. उनका खलनायक अवतार जबरदस्त और असरदार है. जब भी वह पर्दे पर आते हैं फिल्म की कहानी में दम आ जाता है. वहीं, सोनम बाजवा और हरनाज संधू का स्क्रीन स्पेस भले ही छोटा है, लेकिन ये दोनों मुख्य भूमिका निभाती नजर आती हैं.

वहीं, टाइगर श्रॉफ, संजय दत्त, सोनम बाजवा और हरनाज संधू के साथ-साथ फिल्म में श्रेयस तलपड़े, शीबा, आकाशदीप साबिर, महेश ठाकुर, उपेंद्र लिमये और सौरभ सचदेवा ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है. तकनीकी रूप से यह एक बेहतरीन फिल्म है, लेकिन दिक्कत इसकी गति में है, जो आपको बीच-बीच में बोर करती है. साथ ही फिल्म में इतने गाने हैं, जो बार-बार कहानी पर ब्रेक लगाते हैं. अगर फिल्म में गाने कम होते तो इसकी कहानी अच्छे से फ्लो में चलती रहती, हालांकि सेकंड हाफ में फिल्म अपनी गति वापस से पकड़ लेती है और क्लाईमैक्स तक आते-आते यह दमदार बन जाती है.

फिल्म में एक्शन सीन बड़े पैमाने पर फिल्माए गए हैं. वहीं, बात करें सिनेमैटोग्राफी की तो यह हर फ्रेम को मजबूत बनाती है. साथ ही, बैकग्राउंड स्कोर इस फिल्म की आत्मा है, जिसे बहुत ही बेहतरीन तरीके से तैयार किया गया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह एक मनोरंजनक फिल्म है और पैसा वसूल मूवी है. मेरी ओर से इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार.

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