12 Naxalites surrendered with weapons in front of Chief Minister Devendra Fadnavis, Gadchiroli News in Hindi

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12 Naxalites surrendered with weapons in front of Chief Minister Devendra Fadnavis - Gadchiroli News in Hindi




गढ़चिरौली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित कवांडे गांव पहुंचे। अत्यंत दुर्गम और नक्सल प्रभावित इस इलाके का दौरा करने वाले देवेंद्र फडणवीस राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। उनकी मौजूदगी में 12 नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। हथियारों के साथ आत्मसमर्पण की यह पहली घटना है।


VANDEGANGA

गढ़चिरौली में पूर्व में आत्मसमर्पण कर चुके 13 पूर्व नक्सलियों का शुक्रवार को सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री इसमें शामिल हुए और नवदंपत्तियों को शुभकामनाएं दीं। सी-60 जवानों को सम्मानित किया और उन्हें अत्याधुनिक एके-103 हथियार और एएसएमआई पिस्तौल, बुलेटप्रूफ जैकेट भेंट किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा की। जिला योजना विकास निधि से 19 चार पहिया वाहन खरीदे गए हैं। उनमें से कुछ बुलेटप्रूफ वाहन हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को गाड़ियों की चाबी सौंपी। मौके पर मंत्री आशीष जायसवाल, विधायक धर्मरावबाबा आत्राम, विधायक डॉ. मिलिंद नरोटे, पुलिस उप महानिरीक्षक अंकित गोयल, जिला कलेक्टर अविष्यंत पंडा, जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सी-60 जवानों के सम्मान समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैंने कावंडे चौकी का दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की। हमारे पुलिस बल ने सिर्फ 24 घंटे में कावंडे चौकी का निर्माण किया। यह सिर्फ एक पुलिस स्टेशन नहीं है, बल्कि सरकार प्रशासन को लोगों तक पहुंचाने की पहल है। जहां सुरक्षा की कमी थी, वहां पुलिस स्टेशन खोलकर सरकार और प्रशासन को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। पिछले दो सालों में ऐसी 6 चौकियां बनाई गई हैं। पिछले डेढ़ साल में 28 माओवादी मारे गए हैं, 31 गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 44 लोगों ने आत्मसमर्पण किया है। यह एक नया रिकॉर्ड है। जिन लोगों पर बड़े इनाम थे उनमें से कई अब माओवाद छोड़ रहे हैं और सामान्य जीवन में लौट रहे हैं। हमारी लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है। हमारे जवानों ने कावंडे में बहुत कठिन ऑपरेशन किए। मैंने आज उस द्वीप को भी देखा, जहां नक्सली छिपे हुए थे। हमारा लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करना है। महाराष्ट्र में 4 साल से नक्सलियों की भर्ती पूरी तरह बंद थी। लेकिन, दूसरे राज्यों से भर्ती होती थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत सख्त कदम उठाए हैं और अब नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “आज 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। उन पर 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम था। उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों के साथ सरेंडर किया है। हमने आज उन्हें भारत के संविधान की एक प्रति भेंट की। पुनर्वास में लॉयड जैसे उद्योगों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। हम इस जिले में रोजगार पैदा करना चाहते हैं और इसे भारत की स्टील सिटी के तौर पर विकसित करना चाहते हैं। ऐसा करते हुए सरकार यहां के प्राकृतिक संसाधनों, जल, जमीन और जंगल को संरक्षित करते हुए विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”

छत्तीसगढ़ सीमा से सटे सुदूर और नक्सल प्रभावित कावंडे क्षेत्र में आयोजित लाभार्थी बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से सीधा संवाद किया।

उन्होंने कहा, गढ़चिरौली को नक्सल मुक्त और औद्योगिक रूप से सक्षम जिला बनाने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव की बयार बहने लगी है और सरकारी सेवाएं सीधे नागरिकों तक पहुंचने से लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है। यही सही मायने में जनोन्मुखी विकास प्रक्रिया है। धरती आबा अभियान के तहत हाल ही में कवंडे, नेलगुंडा और पेनगुंडा में शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों में कुल 533 लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के 987 लाभ वितरित किए गए। इस अवसर पर आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, मनरेगा जॉब कार्ड, स्क्रीनिंग और एनीमिया जांच, आधार अपडेट, जाति प्रमाण पत्र आदि योजनाओं का लाभ मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा वितरित किया गया। इस गतिविधि में राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक न्याय, पंचायत राज, महिला एवं बाल कल्याण, वन विभाग, पुलिस और एकीकृत जनजाति विकास परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर बन रहे पुल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को मुख्यधारा से जोड़ने और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रुप में काम करेगा। दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार लाना सरकार का दृढ़ संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने ड्रोन की मदद से पुल का निरीक्षण किया। राज्य राजमार्ग 380 पर 100 मीटर चौड़े कोरमा नाले पर वर्तमान में 120 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है, जिससे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के बीच सीधा संचार हो सकेगा।

10.70 करोड़ की इस परियोजना को जल्द पूरा करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुल के निर्माण से गढ़चिरौली जिले के दूरस्थ गांवों में आसान संचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी और प्रशासन की सेवाओं और विकास कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से पहुंचाने में काफी मदद मिलेगी।
–आईएएनएस

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