क्यों गिर रहे टाटा ग्रुप के शेयर? रतन टाटा के निधन के बाद एक साल में ₹7 लाख करोड़ गंवाए – why are tata group stocks falling rs 7 lakh crore wiped out in a year since ratan tata demise
Tata Group Stocks: रतन टाटा के निधन को एक साल हो चुके हैं। इस एक साल में देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक, टाटा ग्रुप के कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट देखी गई है। टाटा ग्रुप की कुल 23 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध है। इन सभी कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू पिछले साल 9 अक्टूबर को 33.57 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब घटकर ₹26.39 लाख करोड़ पर आ गया है। यानी करीब 21 प्रतिशत की गिरावट।
दिलचस्प बात यह है कि सेंसेक्स और निफ्टी ने इसी दौरान 0.8 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की है। वहीं बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 4.7 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 5.5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। इससे साफ है कि टाटा ग्रुप की कंपनियों में इनके बेंचमार्क इंडेक्सों की तुलना में कहीं अधिक गिरावट आई है।
एक साल पहले 9 अक्टूबर 2024 को 86 साल की उम्र में रतन टाटा के निधन ने पूरे देश को झकझोर दिया। शेयर बाजार में यह चर्चा है कि क्या उनके जाने से निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ा है, जिसके चलते टाटा ग्रुप की कंपनियों में गिरावट आई? हालांकि एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट उनके न रहने की वजह से नहीं, बल्कि ग्लोबल आर्थिक परिस्थितियों और सेक्टर-विशेष से जुड़ी चुनौतियों के कारण हुई है। ग्लोबल स्तर पर मांग में सुस्ती, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वार, और घरेलू कंज्पम्शन में सुस्ती ने टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के प्रदर्शन पर असर डाला है।
किन शेयरों में आई सबसे अधिक गिरावट
सबसे अधिक नुकसान तेजस नेटवर्क्स के शेयरों में देखने को मिला। पिछले एक साल में तेजस नेटवर्क्स का शेयर 50 प्रतिशत से अधिक टूट चुका है। इसके बाद दूसरे नंबर ट्रेंट, जिसके शेयरों में करीब 44 प्रतिशत की गिरावट आई है। टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयर 33 प्रतिशत की गिरावट के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। इसके शेयर पिछले एक साल में 29 प्रतिशत तक टूट चुक हैं टाटा एलेक्सी और टाटा मोटर्स दोनों में 28 प्रतिशत की गिरावच देखी गई।
इसके अलावा ओरिएंटल होटल्स, टीआरएफ, वोल्टास, टाटा केमिकल्स, और टाटा पावर जैसे शेयरों ने 16 से 24 प्रतिशत के बीच गिरावट दर्ज की। टाटा कम्युनिकेशंस और नेल्को के शेयर भी करीब 13 प्रतिशत तक नीचे आ चुके हैं।
हालांकि टाटा ग्रुप के कुछ शेयर ऐसे भी रहे, जो इस व्यापाक गिरावट को मात देने में सफल रहे। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स 0.2 प्रतिशत बढ़ा, टाइटन कंपनी 2 प्रतिशत ऊपर रहा, जबकि इंडियन होटल्स ने 5 प्रतिशत और टाटा स्टील ने 8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। सबसे शानदार तेजी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में देखने को मिली, जो पिछले एक साल में 40 प्रतिशत तक उछल चुका है। टाटा कैपिटल के आईपीओ और टाटा संस की संभावित लिस्टिंग की खबरों के चलते इस स्टॉक में तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा बनारस होटल्स का शेयर भी पिछले एक साल में 14 प्रतिशत तक ऊपर गया है।
क्यों गिर रहे टाटा ग्रुप के शेयर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टीसीएस के शेयरों पर आईटी सेक्टर की सुस्ती का सीधा असर पड़ा है। अमेरिका में व्यापारिक तनाव और मंदी की संभावनाओं के चलते लार्जकैप आईटी कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ FY26 में मात्र 3-4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके चलते आईटी शेयरों में निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं। टाटा टेक के शेयर भी आईटी सेक्टर में करेक्शन के चलते चपेट में आ गए हैं। हालांकि, हाल के संकेत बताते हैं कि आगामी तिमाहियों में आईटी कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ धीरे-धीरे सुधर सकती है।
टाटा मोटर्स के लिए भी पिछले एक साल काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है। कंपनी के कमाई का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा इसकी सहयोगी कंपनी, जगुआर-लैंड रोवर (JLR) से आता है। लेकिन अमेरिका-यूरोप ट्रेड डील में देरी और इसके यूके फैक्ट्री पर साइबर हमले के चलते जगुआर-लैंड रोवर का उत्पादन प्रबावित हुआ है। इन घटनाओं का सीधा असर कंपनी की बिक्री और मुनाफे पर पड़ा है।
वहीं टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को अपने चाय बिजनेस में बढ़ती लागत से मार्जिन पर दबाव झेलना पड़ा। इसके सबके बीच टाटा स्टील का प्रदर्शन बेहतर रहा और इसे सरकार की 10% सेफगार्ड ड्यूटी से कुछ राहत मिली। कुल मिलाकर यह साफ है कि टाटा ग्रुप के शेयरों की यह गिरावट किसी एक कारण से नहीं, बल्कि ग्लोबल मंदी, सेक्टरल चुनौतियों और घरेलू मांग की सुस्ती का मिला-जुला असर है।
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